लालू-राबड़ी और तेजस्वी की खास बैठक – तेज प्रताप बाहर, नई राजनीति शुरू!

दिनांक: 19 जून 2025 | स्थान: 10, सर्कुलर रोड, पटना

बिहार की राजनीति में एक बहुत बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अब खुलकर घर की लड़ाई राजनीतिक मोड़ ले चुकी है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ बैठे – और इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा था:
👉 तेज प्रताप यादव की पार्टी से विदाई के बाद का भविष्य।

🧑‍⚖️ बैठक की पृष्ठभूमि – तेज प्रताप का 'राजनीतिक व्रतांत'

पिछले कई महीनों से तेज प्रताप यादव पार्टी से अलग-थलग पड़ चुके थे।
उनके विवादित बयानों, संगठन के खिलाफ तीखी टिप्पणियों और कुछ बाहरी नेताओं से नज़दीकी के कारण
राजद ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।

यह पहली बार है जब तेज प्रताप को आधिकारिक तौर पर “बाहर” किया गया और उसके बाद लालू-राबड़ी-तेजस्वी की त्रिकोणीय बैठक हुई।

🪑 बैठक में क्या हुआ?

सूत्रों के अनुसार, बैठक में निम्न मुद्दों पर चर्चा हुई:

  1. राजद का भावी नेतृत्व: अब पार्टी पूरी तरह तेजस्वी यादव के नेतृत्व में काम करेगी।

  2. नई कार्यकारिणी गठन: पार्टी में युवाओं, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को ज़्यादा स्थान दिया जाएगा।

  3. तेज प्रताप के प्रभाव को खत्म करने की योजना: उनके करीबियों को संगठन से हटाया जाएगा या हाशिए पर डाला जाएगा।

  4. 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी: तेजस्वी को ही सीएम चेहरा घोषित करने की बात लगभग तय।

🤯 क्या बोले तेज प्रताप?

तेज प्रताप ने इस बैठक के बाद एक एक्स (Twitter) पोस्ट में लिखा:

“सत्य को कोई दबा नहीं सकता। मेरे पिता और मां आज भी मेरे साथ हैं, बाकी तो समय बताएगा कि कौन असली वारिस है।”

हालांकि उन्होंने पार्टी से दोबारा जुड़ने की संभावना पर कोई सीधा बयान नहीं दिया।

🔍 क्यों खास है यह बैठक?

पहलूमहत्वपारिवारिक संकट का राजनीतिक समाधानलालू ने अब स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य तेजस्वी के नाम हैपार्टी का नया ढांचायुवाओं और टेक-सेवी नेताओं को आगे लाया जाएगाभविष्य की रणनीतितेजस्वी अब बिना किसी पारिवारिक दबाव के विपक्ष का चेहरा बनेंगे

🗣 विपक्ष और NDA की प्रतिक्रिया

NDA नेताओं ने इस अंदरूनी कलह को "राजद का पतन" बताया है।
भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा:

“जो अपने भाई को नहीं संभाल सकता, वो राज्य क्या संभालेगा?”

वहीं, कांग्रेस ने इसे "तेजस्वी की मजबूरी" बताया और कहा कि इससे संगठन मज़बूत हो सकता है।

🔮 अब आगे क्या?

  1. तेजस्वी यादव पार्टी को पूरी तरह से "नया रूप" देने की तैयारी में हैं।

  2. लालू यादव धीरे-धीरे बैकस्टेज रोल में जा रहे हैं और अब केवल मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे।

  3. तेज प्रताप के पास अब दो ही रास्ते हैं:

    • नया संगठन बनाना

    • या राजनीति से कुछ समय के लिए दूरी लेना

✍️ निष्कर्ष: 'एक परिवार – दो राहें'

राजद का यह फैसला केवल एक पारिवारिक मामला नहीं है — यह एक राजनीतिक वंशांतरण की स्पष्ट तस्वीर है।

  • लालू युग अब समाप्ति की ओर है,

  • तेजस्वी युग की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है,

  • और तेज प्रताप की कहानी अब शायद हाशिए की ओर बढ़ रही है।

2025 के चुनाव से पहले यह बैठक साबित करती है कि राजद अब घर से नहीं, मैदान से लड़ेगा।