बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर: RJD में हुआ AAP और HAM का विलय — 2025 चुनाव से पहले विपक्ष का मास्टरस्ट्रोक!


बिहार की राजनीति फिर एक बार करवट ले रही है। जहां एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की NDA गठबंधन सरकार 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमा अब एकजुट होकर चुनावी रणभूमि में उतरने की तैयारी में है। इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला और ऐतिहासिक घटनाक्रम सामने आया — AAP (आम आदमी पार्टी) और HAM (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने RJD (राष्ट्रीय जनता दल) में विलय की घोषणा कर दी है।
यह केवल राजनीतिक दलों का मिलन नहीं, बल्कि एक नई सियासी धारा का उदय माना जा रहा है।
क्या है इस विलय की पृष्ठभूमि?
बिहार में लंबे समय से विपक्षी दलों के बीच एकता की कोशिशें जारी थीं। महागठबंधन भले ही नाम से बना था, लेकिन आपसी मतभेद और रणनीतिक असहमतियों के चलते इसे मजबूती नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में तेजस्वी यादव ने एक नई रणनीति के तहत विपक्ष को संगठित करने का प्रयास किया।
पिछले कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी के नेता बिहार में सक्रिय दिख रहे थे।
वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी HAM, जो पहले NDA का हिस्सा थी, हाल में ही उससे अलग हो गई थी और तेजस्वी यादव से नज़दीकियां बढ़ा रही थी।
इन दोनों दलों ने अब RJD में पूर्ण रूप से विलय करने का निर्णय लिया है।
राजनीतिक समीकरण कैसे बदलेंगे?
इस विलय से बिहार के सियासी समीकरण में बड़ा बदलाव तय है:
✅ 1. विपक्ष को मिलेगी मजबूती
तीनों पार्टियों के एक साथ आने से गठबंधन के पास अब ज़्यादा वोट बैंक, संसाधन, और क्षेत्रीय प्रभाव होगा।
यह भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बनेगा।
✅ 2. RJD बनेगा सबसे बड़ा फ्रंट
इस विलय के बाद RJD महागठबंधन का सबसे मज़बूत स्तंभ बनकर उभरेगा। तेजस्वी यादव अब पूरे गठबंधन का स्वाभाविक नेता माने जा रहे हैं।
✅ 3. जातीय समीकरण में बढ़त
HAM के आने से मुसहर व अन्य दलित समुदायों का समर्थन मिलेगा।
AAP के जरिए शहरी मध्यम वर्ग और युवाओं को जोड़ने की कोशिश होगी।
RJD पहले से ही यादव, मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के मजबूत समर्थन पर टिकी है।
✅ 4. उम्मीदवारों के चयन में संतुलन
अब सबसे बड़ी चुनौती होगी — सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का चयन। लेकिन अगर यह सही से सुलझा लिया गया, तो यह गठबंधन भाजपा को सत्ता से बाहर करने में सक्षम हो सकता है।
विलय की घोषणा के समय नेताओं के बयान
तेजस्वी यादव (नेता प्रतिपक्ष, RJD)
"हम बिहार में एक नई सियासत की शुरुआत कर रहे हैं — गरीबों, युवाओं और वंचितों के अधिकारों के लिए। AAP और HAM के हमारे परिवार में शामिल होने से यह आंदोलन और तेज होगा।"
अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली और AAP प्रमुख)
"बिहार बदलाव चाहता है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और शिक्षा की बदहाली के खिलाफ हमारी लड़ाई अब RJD के साथ मिलकर और मजबूत होगी। तेजस्वी यादव जैसे युवा नेता के साथ हमारी सोच मिलती है।"
जीतन राम मांझी (संस्थापक, HAM)
"हमने हमेशा गरीबों की आवाज़ उठाई है। अब यह आवाज़ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरे बिहार में गूंजेगी।"
2025 चुनाव: अब टक्कर कांटे की
अब जब RJD, AAP और HAM एक साथ आ गए हैं, तो 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है।
एक तरफ भाजपा और NDA के पास मोदी का चेहरा और सरकारी योजनाओं की ताकत है।
वहीं दूसरी ओर अब RJD गठबंधन के पास है वोट बैंक, युवा नेतृत्व और सामाजिक न्याय का एजेंडा।
निष्कर्ष: सियासत में नए अध्याय की शुरुआत
बिहार की सियासत में यह विलय महज एक गठबंधन नहीं, बल्कि एक बड़ी विचारधारा का मेल है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह एकता मजबूत सरकार में बदलती है या सियासी अस्थिरता में।
👉 "सियासत में दोस्ती और दुश्मनी कभी स्थायी नहीं होती, लेकिन जनता का विश्वास ही असली ताकत होता है।"
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