बैलिस्टिक मिसाइल: आधुनिक युद्ध की दिशा और शक्ति


परिचय
आज की वैश्विक राजनीति और सुरक्षा परिदृश्य में सैन्य तकनीक का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कुछ हथियार ऐसे हैं जो एक देश की सुरक्षा नीति को पूरी तरह से परिभाषित करते हैं। बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) उन्हीं हथियारों में से एक है। यह एक ऐसा प्रक्षेपास्त्र है जो न केवल हजारों किलोमीटर दूर तक सटीक वार कर सकता है, बल्कि परमाणु हथियारों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने की क्षमता रखता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है, कैसे काम करती है, इसके कितने प्रकार होते हैं, भारत और विश्व में इसका क्या महत्व है, और यह भविष्य में दुनिया को किस ओर ले जा सकती है।
बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है?
बैलिस्टिक मिसाइल एक प्रकार की प्रक्षेपास्त्र (projectile weapon) है जो एक पूर्वनिर्धारित प्रक्षेप पथ (ballistic trajectory) पर उड़ती है। इसका उपयोग मुख्यतः सामरिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। जब मिसाइल को लॉन्च किया जाता है, तो यह शुरू में रॉकेट इंजन की सहायता से वायुमंडल के पार जाकर एक खास ऊंचाई पर पहुँचती है और फिर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण अपने लक्ष्य की ओर गिरती है।
इसके तीन प्रमुख चरण होते हैं:
बूस्ट फेज (Boost Phase) – जब मिसाइल को लॉन्च किया जाता है और इंजन सक्रिय होता है।
मिडकोर्स फेज (Midcourse Phase) – जब मिसाइल वायुमंडल से बाहर जाकर अंतरिक्ष में यात्रा करती है।
टर्मिनल फेज (Terminal Phase) – जब मिसाइल पृथ्वी के वातावरण में लौटती है और लक्ष्य पर गिरती है।
बैलिस्टिक मिसाइल के प्रकार
बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी रेंज (मारक क्षमता) के आधार पर मुख्यतः 4 श्रेणियों में बांटा गया है:
प्रकाररेंजउपयोग - SRBM (Short Range) -1000 किमी तकसीमावर्ती क्षेत्रों में
MRBM (Medium Range) -1000 से 3000 किमी अंतरदेशीय रणनीति में
IRBM (Intermediate Range) -3000 से 5500 किमीदुश्मन देश के भीतर गहरे लक्ष्यों पर हमला
ICBM (Intercontinental) -5500 किमी से अधिकमहाद्वीप से महाद्वीप तक वार
इनके अलावा कुछ मिसाइलें Submarine Launched Ballistic Missiles (SLBM) होती हैं, जिन्हें पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है, जो इन्हें दुश्मन से छिपाने और सरप्राइज अटैक में सक्षम बनाती हैं।
कैसे काम करती है बैलिस्टिक मिसाइल?
बैलिस्टिक मिसाइल की उड़ान पूरी तरह से फिजिक्स के सिद्धांतों पर आधारित होती है। जब इसे लॉन्च किया जाता है, तब यह अत्यधिक गति (Mach 5 या उससे अधिक) से ऊपर उठती है। एक बार जब यह अपनी अधिकतम ऊंचाई तक पहुँच जाती है, तो यह पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव से अपने लक्ष्य की ओर लौटती है।
कुछ आधुनिक मिसाइलें Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles (MIRV) तकनीक से लैस होती हैं, जिसमें एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों पर अलग-अलग वार किया जा सकता है।
भारत की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता
भारत बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बन चुका है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला भारत की सामरिक क्षमता का आधार हैं।
भारत की प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइलें:
मिसाइलरेंजविशेषतापृथ्वी-I~150-350 किमीसतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलअग्नि-I~700-900 किमीशॉर्ट रेंज मिसाइलअग्नि-II~2000 किमीपरमाणु हथियार ले जाने योग्यअग्नि-III~3000-3500 किमीमीडियम से इंटरमीडिएट रेंजअग्नि-IV~4000 किमीउन्नत तकनीकअग्नि-V~5500+ किमीभारत की ICBMK-15 (SLBM)~750 किमीपनडुब्बी से लॉन्चK-4~3500 किमीपरमाणु पनडुब्बी से लॉन्च
DRDO के अलावा भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसे संस्थान भी मिसाइल निर्माण में योगदान दे रहे हैं।
विश्व में बैलिस्टिक मिसाइल शक्तियाँ
अमेरिका
Minuteman III, Trident II D5
अत्याधुनिक MIRV तकनीक और एंटी-मिसाइल सिस्टम
रूस
Topol-M, RS-28 Sarmat (Satan 2)
दुनिया की सबसे शक्तिशाली परमाणु मिसाइलों में गिनती
चीन
DF (Dong Feng) सीरीज, DF-41
भारत सहित कई एशियाई देशों को ध्यान में रखकर विकास
उत्तर कोरिया
Hwasong सीरीज
अंतरराष्ट्रीय तनाव का मुख्य कारण
इज़राइल, फ्रांस, यूके
सीमित लेकिन सटीक बैलिस्टिक शस्त्र प्रणाली
बैलिस्टिक मिसाइल का रणनीतिक महत्व
निवारण (Deterrence) – यह मिसाइलें युद्ध को रोकने में सहायक होती हैं क्योंकि दुश्मन को जवाबी हमले का डर होता है।
परमाणु त्रिकोण (Nuclear Triad) – भूमि, वायु और समुद्र – तीनों माध्यमों से हमले की क्षमता।
रणनीतिक संतुलन – पड़ोसी देशों के साथ शक्ति संतुलन बनाए रखना।
वैश्विक स्थिति – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सैन्य ताकत की पहचान।
भविष्य और तकनीकी उन्नति
बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक लगातार विकसित हो रही है। आने वाले वर्षों में निम्न तकनीकों पर कार्य हो रहा है:
हाइपरसोनिक मिसाइलें (Hypersonic Glide Vehicles)
AI आधारित गाइडेंस सिस्टम
नवीनतम रडार-चोरी तकनीक (Stealth Technology)
Anti-Ballistic Missile Systems (जैसे S-400, Iron Dome)
निष्कर्ष
बैलिस्टिक मिसाइल केवल एक हथियार नहीं, बल्कि एक देश की सैन्य प्रतिष्ठा, रणनीतिक सोच और वैश्विक प्रभाव की पहचान होती है। भारत ने इस दिशा में जबरदस्त प्रगति की है और अब वह विश्व की उन गिनी-चुनी ताकतों में शामिल हो चुका है जिनके पास अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमता है।
जहाँ एक ओर यह तकनीक रक्षा के लिए आवश्यक है, वहीं विश्व शांति के लिए इसका विवेकपूर्ण और जिम्मेदार उपयोग भी उतना ही जरूरी है।
समाचार
बिहार चुनाव 2025 की सभी जानकारी यहाँ पाएं।
संपर्क
विश्लेषण
© 2025. All rights reserved.